बुनियादी ढांचे का विकास में यूपी ने गढ़ा नया आयाम

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बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्षों में नए आयाम गढ़े हैं। यूपी के सीएम योगी आ?

 बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्षों में नए आयाम गढ़े हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी विजन का असर ही है कि उत्तर प्रदेश आज देश में सबसे ज्यादा हाईवे और एयरपोर्ट वाला राज्य बन गया है। कनेक्टीविटी के मामले में  उत्तर प्रदेश आज देश ही नहीं दुनिया में स्थान बना रहा है।  योगी सरकार ने बुनियादी ढांचा प्रबंधन यूपी में नया आयाम स्थापित किया है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वजह से उत्तर प्रदेश निवेशकों का भी पसंदीदा गंत्वय बना है। प्रदेश की कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता के आधार पर सुदृढ़ किया गया है। 

 

वर्ष 2017 से पूर्व दंगा प्रदेश के रूप में पहचाना जाने वाले उत्तर प्रदेश में योगीराज के दौरान थल, जल और नभ में इंफ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। बहुत जल्द यूपी 21 एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस की शुरुआत होने जा रही है। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे भी बन रहा है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ से पहले दिसंबर 2024 में गंगा एक्सप्रेस को शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फोर लेन की 1235 प्रोजेक्ट को पिछले सात साल में आगे बढ़ाया गया है। 

 

 प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष  2024-25 के बजट खर्चे का 5वां हिस्सा बुनियादी ढांचे के विकास लिए आवंटित किया है।  बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और जन कल्याणकारी योजनाओं के मामले में उत्तर प्रदेश नए भारत के निर्माण में एक नई शुरुआत कर रहा है। पहले उत्तर प्रदेश को लैण्डलॉक्ड स्टेट कहा जाता था। आज वाराणसी से हल्दिया के बीच इनलैण्ड वॉटर-वे का उपयोग प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रदेश में इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी गठित करने के पश्चात अयोध्या को भी हल्दिया के साथ जोड़ने की तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है।

 

यूपी में शहरी बुनियादी ढांचा के लिए बनाए गए ये  तमाम एक्सप्रेस-वे  भविष्य में उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों और निर्यात केंद्रों को जोड़ेंगे। जिससे कि आम आदमी को कम समय में बेहतर व आरामदेह सफर की सुविधा देने के साथ-साथ माल ढुलाई में भी मदद करेगा। उत्तर प्रदेश में आज लगभग 4 लाख किमी से अधिक का सड़क नेटवर्क और 11 हजार किमी का राजमार्ग नेटवर्क है। प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी है जो लगभग 9000 किमी से अधिक का है। 

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं  के तहतअउत्तर प्रदेश ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कोरिडोर (डीएमआईसी) और पूर्वी समर्पित फ्रेट कोरिडोर (ईडीएफसी) जैसे इंडस्ट्रियल कोरिडोर को सक्रिय तौर पर प्रोत्साहित किया है। इन कोरिडोरों का उद्घाटन औद्योगिक विकास के लिए प्रेरणा स्रोत, निवेशों को आकर्षित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने का कार्य करते हैं।

 

डूइंग बिजनेस सुविधाओं और एकल खिड़की स्वीकृति प्रक्रियाओं ने ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाया है, जिससे उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए और भी आकर्षक स्थल बन गया है। पिछले दशकों में उत्तर प्रदेश की पहचान एक बीमारू राज्य के रुप में होती थी लेकिन अब सूरत पूरी तरह से बदल चुकी है।  वर्तमान योगी सरकार ने पिछले छह सालों में विकास के अनेकों ऐसे कार्य किए हैं जिसके चलते इसकी पहचान तेजी से विकसित हो रहे प्रदेश की बन चुकी है।

 

यूपी में शहरी बुनियादी ढांचा के विकास  के क्रम में बिजली की निर्वाध आपूर्ति के लिए उत्पादन बढ़ाने पर भरपूर जोर दिया गया है । जिससे फलस्वरूप आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हुआ है ।  ओरा की 660 मेगावाट की एक यूनिट उत्पादन शुरू करने जा रही है । इसी तरह जवाहर तापीय परियोजना में निर्माणाधीन 660 मेगावाट की दो इकाइयां भी इसी साल उत्पादन शुरू करेगी । वहीं कानपुर स्थित पनकी तापीय परियोजना में 660 मेगावाट की एक यूनिट भी इस साल दिसंबर में शुरू होने वाली है । 

 

गाजियाबाद, लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा, कानपुर  के बाद आगरा में मेट्रो का संचालन हो रहा  छह जिलों में मेट्रो की सुविधाएं देने वाले उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है। 72.26 किलोमीटर लंबा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर गाजियाबाद के आरआरटीएस और बनने वाले जेवर एयरपोर्ट को जोड़ेगा ।  दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर का शुभारंभ हो चुका है। इससे  दिल्ली से मेरठ तक पहुंचना अब ज्यादा सुगम और सुविधाजनक हो गया है। इन प्रयासों से  कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में सकारात्मक परिणाम आएं हैं।

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